Thursday, July 8, 2010

मैं सौ प्रतिशत देसी हूं ! "अब्दुल कलाम"

अबुल पाकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम ने तमिलनाडु के एक छोटे से तटीय शहर में अख़बार बेचने से लेकर भारत रत्न तक का लंबा सफ़र तय किया है और अब वे भारत के राष्ट्रपति पद तक पहुँचे हैं.
चेन्नई से क़रीब 300 किलोमीटर दूर रामेश्वरम में 10 साल के स्कूली बच्चे अब्दुल कलाम अपने ग़रीब परिवार के भरण पोषण के लिए हर सुबह अख़बार बेचा करते थे.और 56 साल बाद वही अब्दुल कलाम भारत के मिसाइल कार्यक्रम के जनक माने जाते हैं, अपनी सुरक्षा ख़ुद करने के कार्यक्रम के प्रेरणास्रोत हैं और भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न पाने के बाद अब वे देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए हैं.


अब तक अविवाहित पूरी तरह शाकाहारी प्रोफेसर कलाम को क़ुरान और गीता पर समान अधिकार है


और गीता के ही उपदेशों के अनुरूप उन्होंने हाल में कहा 'सपनों को विचारों में और उन विचारों को असलियत में बदलना चाहिए. हथियारों का आयात कर छोटा रास्ता मत अपनाइए. अपना काम ख़ुद करें.'


इस मूलमंत्र के साथ ही अब्दूल कलाम ने भारत के लिए ख़ुद ही हथियार विकसित करने के कार्यक्रम पर ज़ोर दिया.


उन्होंने कहा कि अमरीका के सुपर कंप्यूटर और रुस के क्रायोजेनिक अंतरिक्ष तकनीक देने से इनकार करने के बाद भारत ने परमाणु क्षमता विकसित करने के लिए ख़ुद ही अपना रास्ता तलाश किया है.


1998 में परमाणु परीक्षण करने के बाद उनसे एक अमरीकी पत्रकार ने पूछा कि क्या उन्होंने अमरीका में पढ़ाई की है.


इस पर अब्दुल कलाम ने कहा 'मैं सौ प्रतिशत देसी हूं.'

2 comments:

  1. ve asali Indian Idol Hai, Baki sab Fail, He is the super man of Bharat not India, Jai Hind

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  2. ve mere aadarsh hai ! mera pranam unhe

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