
डॉ. कलाम ने यहां प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में कहा कि हम न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश पर प्रश्न चिह्न नहीं उठा सकते, लेकिन मैं महसूस करता हूं कि 26 वर्ष पुरानी इस घटना में जितने लोग प्रभावित हुए थे उस हिसाब से यह सजा पर्याप्त नहीं है।
भोपाल गैसकांड पीड़ित उच्च न्यायालय जाएंगे
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि देश में कानून की जटिलताएं कम की जानी चाहिए। मुंबई हमले के आरोपी अजमल कसाब तथा संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरु की फांसी में हो रही देरी के विषय में उन्होंने कहा कि मेरा ऐसा मानना है कि हमारे देश में त्वरित न्यायालय होना चाहिए जो ऐसे मामलों में शीघ्र निर्णय दे सके, ताकि जनता का विश्वास न्याय व्यवस्था पर बना रहे।
डॉ. कलाम ने कहा अभी हमारे यहां कोई भी मामला पहले जिला न्यायालय और फिर उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय तक घूमता रहता है। यदि कोई मामला राष्ट्रपति के समक्ष आता भी है, तो राज्य सरकार उसकी फाइल अपने पास रख लेती है, जिससे उसमें फैसला करने में देरी होती है।
अफजल की फाइल आखिर गृह मंत्रालय को सौंपी गई
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